धार्मिक सभा में दहशत, 120 लोगों की मौत
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को एक ‘सत्संग’ के दौरान एक भयानक स्थिति का सामना किया, जिसमें पुलराई गांव में हुई भगदड़ से 120 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए, पुलिस रिपोर्ट्स के अनुसार।

इस घटना के बावजूद कि इवेंट को स्थानीय अधिकारियों ने अनुमति दी थी। हाथरस जिला जिलाधिकारी आशीष कुमार ने पुष्टि की कि घटना की जांच करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है, जो कि एक निजी धार्मिक सभा में हुई थी।
#WATCH | Uttar Pradesh | Hathras Stampede | Hathras DM Ashish Kumar says, "… District administration is investigating the matter. The injured are being taken to the hospital and people are still being recovered… A figure of nearly 50-60 deaths has been reported to me by the… pic.twitter.com/vHfypBJ9QO
— ANI (@ANI) July 2, 2024
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को गहरी संवेदनाएं जताईं और अधिकारियों से घायलों को त्वरित सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने मेडिकल सहायता और राहत कार्यों की त्वरित उपलब्धता की भी जरूरत को दरकिनार किया।
#UPCM @myogiadityanath ने जनपद हाथरस में हुए हादसे में मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) July 2, 2024
उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उनके समुचित उपचार कराने और मौके पर राहत…
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह ने भी भीड़ ज्यादा होने को मुख्य कारण बताया, जिसके चलते यह भगदड़ हुआ। स्थानीय प्रशासन ने तत्काल सहायता और लोगों के समर्थन के लिए हेल्पलाइन नंबर्स स्थापित किए हैं।
इस दुखद नुकसान के समय में समुदाय शोक में डूबा है, और ध्यान मुख्य रूप से घायलों और पीड़ित परिवारों को समर्थन प्रदान करने पर है। जांच का उद्देश्य इस दिलचस्प घटना के कारणों को स्पष्ट करना है, जो सार्वजनिक सभाओं में सुरक्षा उपायों की महत्वपूर्णता को दर्शाता है।
Hathras जिला प्रशासन ने स्थिति की निगरानी में बनाए रखते हुए जनता की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर्स स्थापित किए हैं। भगदड़ के इस बाद की स्थिति ने सभी को यह याद दिलाया है कि बड़ी स्थितियों में सुरक्षा प्रोटोकॉलों की गहरी जरूरत होती है, ताकि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएँ भविष्य में न हों।